पलायन वेग (Escape Velocity):-   


  • पलायन वेग वह न्यूनतम वेग है जिससे किसी पिंड को पृथ्वी की सतह से ऊपर की ओर फेंके जाने पर वह गुरुत्वीय क्षेत्र को पार कर जाता है तथा पृथ्वी पर वापस नहीं आता।
  •  पृथ्वी के लिए पलायन वेग का मान 11.2 km/s है। अर्थात;

    पलायन-वेग
    पलायन वेग
  • पृथ्वी तल से किसी वस्तु को 11.2 km/s या इससे अधिक वेग से ऊपर किसी भी दिशा में फेंक दिया जाए तो वस्तु पृथ्वी-तल पर वापस नहीं आयेगी।


उपग्रह की कक्षीय चाल (Orbital.Speed of a Satellite):-  


  • उपग्रह की कक्षीय चाल उसकी पृथ्वी तल से ऊचाई पर निर्भर करती है।
  • उपग्रह पृथ्वी तल से जितना अधिक दूर होगा, उतनी ही उसकी चाल कम होगी।
  • उपग्रह की कक्षीय चाल उसके द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करती है। एक ही त्रिज्या के कक्षा में भिन्न-भिन्न द्रव्यमानों के उपग्रहों की चाल समान होगी।

    कक्षीय-चाल
    कक्षीय चाल
  • नोट- पृथ्वी तल के अति निकट चक्कर लगाने वाले उपग्रह की कक्षीय चाल लगमग ৪ किमी/सेकण्ड होती है।

उपग्रह के लिए कक्षीय वेग-
Vo = √gR

तथा पृथ्वी तल से पलायन वेग-
Ve = √2gR
जहां R पृथ्वी की त्रिज्या है। अर्थात्

  • पलायन वेग कक्षीय वेग का √2 गुना होता है।
  • इसलिए यदि किसा उपग्रह के कक्षीय वेग को √2 गुना (अर्थात् 41%) बढ़ा दिया जाय तो वह उपग्रह अपना कक्षा को छोड़कर पलायन कर जायेगा।


उपग्रह का परिक्रमण काल (Period of Revolution of a Satellite) :-


  • उपग्रह अपनी कक्षा में पृथ्वी का एक चक्कर जितने समय में लगाता है, उसे उसका परिक्रमण काल कहते हैं।
  • उपग्रह का परिक्रमण काल = कक्षा की परिधि / कक्षीय चाल
  • (i) उपग्रह का परिक्रमण काल भी केवल उसकी पृथ्वी तल से ऊंचाई पर निर्भर करता है और उपग्रह जितना अधिक दूर होता है उतना ही अधिक उसका परिक्रमण काल होता है।
  • (ii) उपग्रह का परिक्रमण काल उसके द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है।
  • नोट- पृथ्वी तल के अति निकट चक्कर लगाने वाले उपग्रह का परिक्रमण काल लगभग 1घंटा 24 मिनट होता है।



यह भी देखे-
By CEO & Counsellor :-  PANKAJ JANGID (Author, Science expert and mathematician)

Posted by co-founder & managing director:- Rahul Vishvkarma