ऊर्जा संरक्षण के नियम के अनुसार ऊर्जा को न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है , इसे केवल एक रूप से दुसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है , इसे ही "ऊर्जा संरक्षण का नियम" कहते है।
संरक्षण शब्द का अभिप्राय ऐसी राशि से होता है जिसका मान परिवर्तित नही किया जा सकता है अत: निकाय की कुल ऊर्जा का मान नियत रहता है अर्थात किसी घटना के पहले व घटना के बाद निकाय की कुल ऊर्जा का मान नियत रहता है। हालांकि ऊर्जा के एक रूप को दुसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है लेकिन निकाय की कुल ऊर्जा संरक्षित बनी रहती है।
ऊर्जा संरक्षण के जनक:-
1841 मेंजूलियस रॉबर्ट मेयर ने ऊर्जा संरक्षण के बारे में विस्तार से बताया, इसलिए जूलियस रॉबर्ट मेयर को ऊर्जा संरक्षण का जनक कहा जाता है।
नोट- राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 14 दिसंबर को मनाया जाता है।
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