रक्त परिसंचरण तंत्र (Blood Circulary System) का भाग : 1-
Bright Future वेबसाइट पर RAILWAY SPECIAL BIOLOGY SERIES की आज की हमारी पोस्ट रक्त परिसंचरण तंत्र (Blood Circulary System) के बारे में होगी। यह रक्त परिसंचरण तंत्र (Blood Circulary System) का भाग 1 है। पोस्ट को पढ़कर कमेंट में अपनी राय जरूर दें। तो आइए शुरू करते हैं आज का टॉपिक --
रक्त परिसंचरण तंत्र (Blood Circulary System)
रक्त परिसंचरण तंत्र (Blood Circulary System):-
- रक्त परिसंचरण तंत्र की खोज सन 1628 ई० में विलियम हार्वे ने की थी।
- परिसंचरण तंत्र या वाहिकातंत्र (circulatory system) अंगो का वह समुच्चय है जो शरीर की सभी कोशिकाओं के बीच पोषक तत्वो का वहन करता है। इससे रोगो से शरीर की रक्षा होती है तथा शरीर का ताप एवं pH मान स्थिर बना रहता है। अमिनो अम्ल, विद्युत् अपघटय, गैस, हार्मोंन, रक्त कोशिका तथा नाइट्रोजन के अपशिष्ट उत्पाद आदि परिसंचरण तंत्र द्वारा वहन किये जाते हैं। केवल रक्त-वितरण नेटवर्क को ही कुछ लोग वाहिका तंत्र मानते हैं जबकि अन्य लोग लसिका तंत्र को भी इसी में सम्मिलित करते हैं।
*रक्त परिसंचरण तंत्र के अन्तर्गत 5 भाग आते हैं:-
- रक्त (Blood)
- हृदय(Heart)
- शिराए(venis)
- धमनियॉं(Arteries)
- कोशिकाएं(Capellaries)
- नोट:- शिराए,धमनियॉं तथा कोशिकाएं यह तीनों रक्त वाहिनी (Blood Vesseles) है।
1.रक्त (Blood):-
रक्त (Blood) क्या है:-
- मानव रक्त एक तरल संयोजी उत्तक है।
- रक्त एक क्षारीय विलियन है। इसका पीएच (pH) मान 7.4 होता है।
- मानव शरीर में रक्त की मात्रा शरीर के भार का लगभग 7% होता है।
- वयस्क मनुष्य में रक्त की औसतन मात्रा 5 से 6 लीटर होती है।
- महिलाओं में रक्त की मात्रा पुरुषों की तुलना में आधा लीटर कम होती है।
- रक्त की उत्पत्ति मेसोडर्म (Mesoderm) में होती है।
नोट:-
मेसोडर्म (Mesoderm) क्या है:-
मानव शरीर का निर्माण भ्रूण अवस्था में 3 परतो में होता है:-
1.एंडोडर्म (Endoderm):-
इसमें हृदय को छोड़कर सभी आंतरिक अंग बनते हैं।
2.मेसॉडर्म (Mesoderm):-
इसमें रक्त, अस्थियां, लसीका हृदय पेशिया आदि बनते हैं।
3.एक्टोडर्म (Ectoderm):-
इसमें त्वचा झिल्ली आदि स्तरीकरण संरचना का निर्माण होता है।
रक्त (Blood) तरल संयोजी उत्तक क्यों है:-
- रक्त की प्रकृति तरल होती है।
- उत्तक (Tissue) कोशिकाओं के समूह को कहते हैं तथा रक्त में कई प्रकार की कोशिकाएं होती है। इसलिए इसे उत्तक कहते हैं।
- क्योंकि रक्त शरीर की सभी कोशिकाओं तथा अंगों को संचरण के माध्यम से जोड़ता है इसलिए यह संयोजी कहलाता है।
रक्त (Blood):-
रक्त (Blood) के कार्य:-
- शरीर के ताप को नियंत्रित रखता है तथा शरीर को रोगों से बचाता है।
- शरीर के वातावरण को स्थाई बनाए रखता है तथा घाव को भरने में सहायक होता है।
- रक्त का थक्का बनाने में योगदान देता है।
- लैंगिक वरण में सहायता करता है तथा विभिन्न अंगों में सहयोग स्थापित करता है।
- यह शरीर के विभिन्न अंगों को आवश्यक पोषक तत्व, रसायनिक पदार्थ तथा ऑक्सीजन पहुंचाता है तथा उनसे कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य अपशिष्ट उत्पाद ले जाता है।
- रक्त फुफ्फूस (Lungs) मैं पहुंच कर लाल रक्त कणों के हीमोग्लोबिन की सहायता से श्वास से ऑक्सीजन प्राप्त करके उसका संवहन करता है और उसे उत्तकों में वितरित करता है।
- पचा हुआ भोजन रुधिर के प्लाज्मा में मिल जाता है और शरीर के विभिन्न भाग में पहुंचा दिया जाता है।
- रक्त, उत्तकों में उत्पन्न विभिन्न प्रकार के विकारों को उत्सर्जन अंगों (Excretory organs) तक ले जाकर उनका निष्कासन करवाता है।
- यह हारमोंस, एंटी टॉक्सिंस तथा एंटीबॉडीज को शरीर के एक भाग से दूसरे भाग तक ले जाता है।
- रक्त जल संवहन के द्वारा शरीर के ऊतकों को सूखने से बचाता है और उन्हें नम एवं मुलायम रखता हैं।
- रक्त अपने आयतन तथा श्यानता में परिवर्तन ला कर रक्तदाब (Blood Pressure) पर नियंत्रण रखता है।
रक्त (Blood) के घटक:-
- 1.प्लाज्मा (Plasma या Matrix)
- 2.रुधिराणु (Blood Corpuscles)
रुधिराणु (Blood Corpuscles) के 3 भाग होते हैं:-
- A.लाल रुधिर कणिकाए (R.B.C - Red Blood Corpuscles या Erythrocytes)
- B.श्वेत रक्त कणिकाए (W.B.C - White Blood Corpuscles या Leucocytes)
- C.प्लेटलेट्स (Platelets या Thrombocytes)
B.श्वेत रक्त कणिकाए (W.B.C - White Blood Corpuscles या Leucocytes) के भी दो भाग होते हैं:-
- a.कणिकामय (Granulocytes)
- b.अकणिकामय (Agranulocytes)
- Eosinophils
- Basophils
- Neutrophils
b.अकणिकामय (Agranulocytes) के भी दो भाग होते हैं:-
- Monocytes
- Lymphocytes
Lymphocytes के भी दो भाग होते हैं:-
- B-Lymphocytes
- T-Lymphocytes
Bright Future वेबसाइट पर RAILWAY SPECIAL BIOLOGY SERIES की आज की हमारी पोस्ट रक्त परिसंचरण तंत्र (Blood Circulary System) के बारे में थी। यह रक्त परिसंचरण तंत्र (Blood Circulary System) का भाग 1 है। पोस्ट को पढ़कर कमेंट में अपनी राय जरूर दें।
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2 टिप्पणियाँ
Very useful Post sir
जवाब देंहटाएंDhanayavaad.
जवाब देंहटाएंkeep regular for best study
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