हुक का नियम:
हुक के नियम के अनुसार-- प्रत्यास्थता सीमा के भीतर किसी वस्तु पर आरोपित प्रतिबल का मान हमेशा उस वस्तु में उत्पन्न विकृति के अनुक्रमानुपाती होता है, इसे ही हुक का नियम कहते है अर्थात
- प्रत्यास्थता सीमा के अन्दर प्रतिबल , विकृति के समानुपाती होता है।
प्रतिबल ∝ विकृति
- समानुपाती का चिन्ह हटाने पर,
प्रतिबल = E x विकृति
जहाँ,E = समानुपाती नियतांक है, जिसे प्रत्यास्थता गुणांक कहते है।
- प्रत्यास्थता गुणांक का मान भिन्न-भिन्न पदार्थों के लिए भिन्न भिन्न होता है।
- इसका एस आई मात्रक न्यूटन/मीटर² अर्थात पास्कल होता है।
- नोट:- प्रतिबल तथा प्रत्यास्थता गुणांक का मात्रक बराबर होता है जबकि विकृति का कोई मात्रक नहीं होता।
- यदि विकृति आयतन में हो तो इसे आयतन प्रत्यास्थता गुणांक तथा अपरूपण विकृति के लिए इसे दृढ़ता गुणांक कहते हैं।
- जब प्रत्यास्थता सीमा के भीतर , प्रतिबल और उत्पन्न विकृति के मध्य ग्राफ खिंचा जाता है तो हम पाते है यह ग्राफ एक सीधी रेखा के रूप में प्राप्त होता है।
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By CEO & Counsellor :- PANKAJ JANGID (Author, Science expert and mathematician)
Posted by co-founder & managing director:- Rahul Vishvkarma
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