द्रव में दाब (Pressure in Liquid):-
- द्रव के अणुओं द्वारा बर्तन की दीवार अथवा तली के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को द्रव का दाब कहते हैं।
- द्रव के अन्दर किसी बिन्दु पर द्रवदाब-
- द्रव की सतह से उस बिन्दु की गहराई (h) तथा द्रव के घनत्व (d) तथा गुरुत्वीय त्वरण (g) के गुणनफल के बराबर होती है। अर्थात;
द्रव दाब (p)=h×d×g
द्रव में दाब के नियम-
- (i) स्थिर द्रव में एक ही क्षतिज तल में स्थित सभी बिन्दुओं पर दाब समान होता है।
- (ii) स्थिर द्रव के भीतर किसी बिन्दु पर दाब प्रत्येक दिशा में बराबर होता है
- (iii) द्रव के भीतर किसी बिन्दु पर दाब स्वतंत्र तल से बिन्दु की गहराई के अनुक्रमानुपाती होता है।
- (iv) किसी बिन्दु पर द्रव का दाब द्रव के घनत्व पर निर्भर करता है। अर्थात; घनत्व बढ़ने पर दाब भी बढ़ता है।
द्रव-दाब संबंधित पास्कल के नियम-
पास्कल का प्रथम कथन-
- यदि गुरुत्वीय प्रभाव को नगण्य मान लिया जाए तो संतुलन की अवस्था में द्रव के भीतर प्रत्येक बिंदु पर दाब समान होता है।
पास्कल का द्वितीय कथन-
- किसी बर्तन के भीतर बंद द्रव के किसी भाग पर आरोपित बल द्रव द्वारा सभी दिशाओं में समान परिमाण में संचरित कर दिया जाता है।
- पास्कल के नियम पर आधारित महत्वपूर्ण यंत्र- हाइड्रोलिक लिफ्ट, हाइड्रोलिक प्रेस, हाइड्रोलिक ब्रेक, हाइड्रोलिक क्रेन आदि।
- नोट- द्रव का दाब उस बर्तन के आकार पर निर्भर नहीं करता जिसमें वह रखा है।
यह भी देखे-
By CEO & Counsellor :- PANKAJ JANGID (Author, Science expert and mathematician)
Posted by co-founder & managing director:- Rahul Vishvkarma
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