सिन्धु घाटी या हड़प्पा सभ्यता:-

  • सिन्धु घाटी सभ्यता का काल 2500 ई.पू. से 1750 ई.पू. था।
  • हड़प्पा टीले का सर्वप्रथम उल्लेख 1826 ई. में चार्ल्स मैस्सन द्वारा किया गया। हड़प्पा संस्कृति को कांस्य युगीन सभ्यता भी कहते हैं। इन लोगों को ताँबे में टिन मिलाकर कांसा बनाने की विधि आती थी।
  • इस सभ्यता के मुख्य निवासी "द्रविड़ तथा भूमध्यसागरीय थे। यह एक नगरीय सभ्यता थी ।
  • सिन्धु सभ्यता का बन्दरगाह लोथल को माना जाता है।
  • सिन्धु सभ्यता की लिपि भावात्मक (चित्रात्मक) थी। यह लिपि दाये से बाये लिखि जाती थी।
  • सिन्धु सभ्यता में नगर तथा घरों को बनाने के लिए ग्रिड पद्धति अपनाई गई।
  • सिन्धु समाज "मातृसत्तात्मक" था।
  • मोहनजोदड़ो से एक कास्य की मूर्ति नर्तकी मिली है।
  • ये लोग मिठास के लिए शहद का प्रयोग करते थे। सैंधववासी दशमलव प्रणाली पर आधारित बाटों का प्रयोग करते थे।
  • लोथल में मिट्टी से निर्मित घोड़े की प्रतिमा प्राप्त हुई है। यहाँ गाय के साक्ष्य नहीं मिले है।
  • सिन्धुवासी बत्तख को अत्यधिक पवित्र मानते थे।
  • जुते हुए खेत के साक्ष्य कालीबंगन से प्राप्त हुए है।
  • नक्काशीदार ईटों के प्रयोग का साक्ष्य भी कालीबंगन से प्राप्त हुए है।

सिन्धु-घाटी-या-हड़प्पा-सभ्यता

सिन्धु सभ्यता के प्रमुख स्थलः-

  • 1. हड़प्पा - पाकिस्तान - रावी नदी
  • 2. मोहनजोदडो - पाकिस्तान - सिन्धु नदी
  • 3. चन्हूदड़ो - पाकिस्तान - सिन्धु नदी
  • 4. कालीबंगन - राजस्थान - धंग्घर नदी
  • 5. लोथल - गुजरात - भोगवा नदी
  • 6. रोपड़ - पंजाब -सतलज नदी
  • 7. आलमगीर पुर - मेरठ - हिन्डन नदी
  • 8. रंगपुर - गुजरात - मादर नदी
  • 9. धौलाबीरा - गुजरात
  • 10. बनमाली - हरियाणा - रंगोई नदी
  • 11. सुत कागेडोर - पाकिस्तान - दाश्क नदी


कुछ अन्य महत्वपूर्ण बाते:-

  • मोहनजोदड़ो से प्राप्त सबसे बड़ी इमारत अन्नागार है।
  • इनकी मुख्य फसल-गेहूँ और जौ है और यह सूती एवं ऊनी वस्त्रों का प्रयोग करते हैं।
  • अग्नि कुण्ड लोथल तथा कालीबंगन से प्राप्त हुये है । कालीबंगन का अर्थ है- काली चूडियाँ
  • मनके बनाने के कारखाने लोथल तथा चन्हूदड़ो से प्राप्त हुये है ।
  • चावल के के साक्ष्य लोथल से प्राप्त हुये है । 
  • हड़प्पा की मोहरों पर "एक सींग वाले पशु" का चित्र मिलता है। ये मोहरें "स्टेलाइट धातु" की बनी हुई थी।
  • सिन्धु सभ्यता के लोग मातृ देवी की पूजा करते थे और पशुओं में "कुबड़ वाले सांड की पूजा करते थे। 
  • ये लोग सुती तथा ऊनी वस्त्रों का प्रयोग करते थे तथा मनोरंजन के लिए ये लोग मछली पकड़ना, शिकार करना, पशु-पक्षी को आपस में लड़ाना तथा पासा खेलने का प्रयोग करते थे।
  • इनको तलवार का ज्ञान नहीं था और आग में पकी हुई मिट्टी को "टेरीकोटा" कहा जाता था।
  • सिन्धु समाज में "पर्दा प्रथा" तथा वेश्यावृत्ति भी प्रचलित थी।
  • सिन्धु सभ्यता के लोग लाल मिट्टी से बर्तन बनाते थे तथा उस पर काले रंग का डिजाइन बनाते थे।
  • सिन्धु घाटी सभ्यता के विनास का कारण बाढ़ को माना जाता है।

     Data from:- Yellow Book by Ankit Bhati sir

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