इतिहास का परिच्य (Introduction of history):- 

इतिहास का जनक हेरोडोटस है। इसने "हिस्टोरिका" नामक पुस्तक लिखी। 

प्रागैतिहासिक काल:- वह काल, जिसके लिए कोई लिखित सामग्री उपलब्ध नहीं है और जिसमें मानव का जीवन अपेक्षाकृत पूर्णतया सभ्य नहीं था, "प्रागैतिहासिक काल" कहलाता है। इस काल को तीन भागों में विभाजित किया गया है-

1. पुरापाषाण काल (अज्ञात काल से 8000 ई.पू.)

2. मध्य पाषाण काल (8000 ई.पू. से 4000 ई.पू.)

3. नवपाषाण काल (4000 ई.पू. से 2500 ई.पू.)

  • आग का अविष्कार पुरापाषाण काल में हुआ। 
  • पहिये का अविष्कार नवपाषाण काल में हुआ था।
  • मनुष्य ने घर बनाने की प्रवृत्ति नवपाषाण काल में सीखी।
  • मनुष्य ने सबसे पहले कुत्ते को अपना पालतू पशु बनाया। कृषि का अविष्कार नवपाषाण काल में हुआ था। 
Introduction-of-history
  • पुरापाषाण काल में मानव की जीविका का मुख्य आधार 
  • शिकार था। 
  • मनुष्य ने सबसे पहले तॉंबा धातु का प्रयोग किया। 
  • मनुष्य द्वारा प्रयोग किया जाने वाला प्रथम औजार कुल्हाड़ी था।
  • कृषि का प्रथम उदाहरण मेहरगढ से प्राप्त हुआ। 
  • भारतवर्ष शब्द का सर्वप्रथम उल्लेख हाथी गुम्फा अभिलेख में मिलता है।
  • मनुष्य द्वारा बोई गई सबसे पहले फसल गेहूँ थी। 
  • जिन सिक्कों पर लेख नहीं है और उन पर जो चिन्ह बने है, उनका ठीक-ठीक ज्ञान नहीं है। ये सिक्के आहत सिक्के कहलाते हैं।
  • रोमिला थापर के अनुसार लोहे का उपयोग 800 ई.पू. में आरम्भ हुआ।


प्रमुख वेद-

  • भारत के सबसे प्राचीन ग्रंथ 'वेद' का शाब्दिक अर्थ 'ज्ञान' है।
  • वेदों की संख्या चार है:-
  • 1. ऋग्वेद 
  • 2 यजुर्वेद 
  • 3. सामवेद 
  • 4. अथर्ववेद 


1. ऋग्वेद :- 

  • यह सबसे प्राचीन वेद है। इसमें 10 मण्डल 1028 सुक्ती तथा 10462 रचना है।
  • ऋग्वेद की पाँच शाखायें है।
  • देवता 'सोम' का उल्लेख नवे मंडल में है। ऋग्वेद में 21. नदियों का जिक्र मिलता है।
  • गायत्री मंत्र जिसकी रचना विश्वामित्र ने की थी, उसका उल्लेख तीसरे मंडल में है।
  • गायत्री मन्त्र का उल्लेख ऋग्वेद में है तथा यह सावित्री को समर्पित है।
  • ऋग्वेद के 7 वे मण्डल में राजा सुदास तथा 10 अन्य अन्य राजाओं के बीच युद्ध का वर्णन है। इस युद्ध में राजा सुदास की जीत हुई तथा यह युद्ध परुष्णी नदी (वर्तमान रावी नदी) पर लड़ा गया था।


2. यजुर्वेद:- 

  • यह वेद गद्य व पद्य दोनों में लिखा गया है।
  • इसके दो भाग है-
  • (क) कृष्ण यजुर्वेद 
  • (ख) शुक्ल यजुर्वेद 


3. सामवेद:- 

  • इस वेद संगीत की जानकारी मिलती है।
  • इसलिए इसे "भारतीय संगीत का जनक" कहते हैं। 
  • सामवेद में कुल 1549 ऋचायें है, जिसमें मात्र 78 ही नयी हैं, शेष ऋग्वेद से ली गयी है।


4. अथर्ववेद:- 

  • यह वेद सबसे बाद में लिखा गया है। इसे 'आधुनिक वेद भी कहते हैं। इसे वेद में जादू टोना, तत्र-मन्त्र चिकित्सा, विवाह तथा प्रेम का उल्लेख है।
  • अर्थववेद की दो शाखायें है-पिप्पलाद एवं शौनक।
  • अर्थववेद को 'ब्रह्मवेद' भी कहा जाता है।
  • इसमें ये बताया गया है कि सभा तथा समिति प्रजापति की दो पुत्रियाँ है।


वेदांग:-

  • वेदांग की कुल संख्या 6 है:-
  • 1. शिक्षा 
  • 2. ज्योतषि 
  • 3. व्याकरण  
  • 4. कल्प  
  • 5. निरूक्त  
  • 6.छद


पुराण:-

  • पुराणों की कुल संख्या 18 है।
  • पुराणों के रचियता, लोमहर्ष" है। 
  • पुराणों में सबसे प्राचीन पुराण मत्यस पुराण है।
  • वर्तमान उपलब्ध पुराण गुप्तकाल के आसपास के हैं। विष्णु पुराण का संबंध मौर्य वंश से, मत्स्य पुराण का सातवाहन से तथा वायु पुराण का गुप्तवंश से है।
  • अर्थशास्त्र के लेखक चाणक्य है। इन्हें विष्णुगुप्त तथा कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। 
  • अर्थशास्त्र एक राजनीति शास्त्र है। इसमें मौर्यकालीन इतिहास की जानकारी है।

कुछ अन्य मुख्य बिन्दु:-

  • राजतरंगणी पुस्तक के लेखक कल्हण है। इस पुस्तक में कश्मीर के राजाओं का इतिहास है।
  • अष्टाध्यायी पुस्तक के लेखक पाणिनी है। यह संस्कृत व्याकरण की पुस्तक है।
  • सबसे प्राचीन स्मृति "मनु स्मृति" है। इसके लेखक मनु है।
  • जैन साहित्य को आगम कहा जाता है।
  • जैन धर्म का प्रारम्भिक इतिहास 'कल्पसूत्र' नामक पुस्तक में है। यह "भद्रबाहु" ने लिखी है।
  • जातक कथाएँ बौद्ध धर्म से सम्बन्धित है। इसमें महात्मा बुद्ध के पुनर्जन्म की कहानियाँ है।
  • भारत का सबसे प्राचीन नगर मोहनजोदडो था जिसे "मृतकों का टीला" कहा जाता है।
  • असम में पाये जाने गिबन भारत का एकमात्र कपि है।
             Data from:- Yellow Book By Ankit Bhati Sir 

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